समाज में डाइवोर्स के समय हमेशा महिलाएं ही क्यों दोषी होती हैं?

ओपिनियन : समाज में बहुत सी चीजों में बदलाव आ रहा है पर अभी भी बहुत सी ऐसी चीज है जहां पर महिलाओं के चरित्र को लेकर अभी भी बहुत से सवाल किए जाते हैं जिसका कारण हम आर्टिकल में जानेंगे

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B LIPSA RAGHUNATH
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Relationship Tips(News18Hindi).

Why Are Women Always At Fault In Society At The Time Of Divorce? (image credit - news18hindi)

Why Are Women Always At Fault In Society At The Time Of Divorce? : समाज में बहुत सी चीजों में बदलाव आ रहा है पर अभी भी बहुत सी ऐसी चीज है जहां पर महिलाओं के चरित्र को लेकर अभी भी बहुत से सवाल किए जाते हैं जिसका कारण हम आर्टिकल में जानेंगे

समाज में डाइवोर्स के समय हमेशा महिलाएं ही क्यों दोषी होती हैं?

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बहुत बार समाज में यह देखा गया है जब भी डाइवोर्स की बात आती है तो पुरुषों के मुकाबले ज्यादा महिलाओं को तलाक के लिए दोषी माना जाता है, उनके चरित्र पर सवाल उठाए जाते हैं एवं बहुत बार महिलाओं को लेकर ऐसे विचार भी सामने आते हैं जो बिल्कुल सत्य नहीं होते पर फिर भी साफ आरोप उन्हीं पर डाल दिया जाता है, इसी विषय में आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे कि ऐसे कौन से समाज में विचार है जिस वजह से महिलाओं पर तलाक के लिए ज्यादा प्रश्न उठाए जाते हैं

समाज के द्वारा बनाए गए एक्सपेक्टेशन

समाज में महिलाओं को ममता और दयावान माना गया है जो सबकी फिक्र और सबका ख्याल रखती हैं इसलिए जब भी परिवार के अलग होने के बाद आती है तो सबसे पहला सवाल महिलाओं पर ही उठाया जाता है कि उनके ही विचारों में कुछ गलत होगा

पहले से ही रोल बाँट देना

एक पुरुष और एक महिला के बीच में पहले से ही रोल को अच्छे से बांट दिया गया है की पुरुष बाहर जाकर कार्यालय या ऑफिस में काम करेंगे और महिलाएं घर में काम करेंगे जिस वजह से दोनों के बीच में बहुत सारी मिसअंडरस्टैंडिंग होगी और वह मिसअंडरस्टैंडिंग बाद में जाकर एक बड़ा टॉपिक बन सकता है

कम अंडरस्टैंडिंग का होना

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समाज में सभी पक्षों को एक दूसरे का साथ देना बहुत ज्यादा जरूरी है जिससे कोई भी किसी के चरित्र पर सवाल ना उठाएं हमें दोनों तरफ के पशुओं को अच्छे से सुनना चाहिए और उसके बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए

जेंडर स्टीरियोटाइप

समझ में बहुत समय से हमें जेंडर स्टीरियोटाइप देखने को मिलते हैं जिस वजह से अभी भी इन दोनों के बीच में भेदभाव किया जाता है अभी भी बहुत से ऐसे लोग होंगे जो हर विषय में केवल महिलाओं को ही दोषी समझते हैं पर उनको यह समझना बहुत ही जरूरी है दोनों पक्षों की कहानी सुना बहुत जरूरी है